14 February 2020

ख़याल थमे हुए

खाली दामन हमारा,
भर गयी, दे गयी,
किस्मत नया सहारा

ठहरी ठहरी राह
ठहरे हम थे खोएसे

चल पडे आज
जिधर मुडा सफर
गुमशुदा राहों पर
खुद को पा लिया।

अबसे तब तक
तब उस मोड़ पर
इस मंजिल के पार
उन ऊंचे मंज़रो पर

रूक ना पाए कदम
सफर खत्म न हो जाए
रूह की गहरी गुफाओं में
उजाले चमकाने हैं।
 
अब तो हमें
काफी चलना है।

रुकी राह चल जो पडी
गिनती के पार
कदमों की आहटें
पडती रहीं।

रूह की गहरी गुफाओं में
उजाले चमकाने हैं।
अब तो हमें
काफी चलना है।

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